जब आपका पैगाम आया ,
कितनी शामों से था इंतजार जिसका ,
वो दिलनशी आज शाम आया .
मरहबा सी खुशबु में ,
लिखा था नाम हमारी जुदाई का ,
खता हमने की मोहब्बत की ,उसने बेरुखी की ,
फिर भी हमपे बेवफाई का इल्जाम आया .
बड़े बदनाम है हम हो गए तेरे नाम को किताब पे उतार कर , और तुम हो कि आज भी मुह फेर के बैठे हो ,
वो कहते हैं कि कैसे लिख लेते हो तुम बातें दिल की इन पन्नो पे.... मैं कह देता हूँ कि बस जी लेता हूं मैं बातें दिल की इन पन्...
वो हमें छोड़ कर चली गई,न समझा हमारे प्यार को,
ReplyDeleteऔर भरी महफ़िल में हमे बेवफा करार कर दिया...