बड़े दिन से था कुछ कहना , आज कह रही दिल की धड़कन, तेरे दिल से एक बात ..
थोड़ी दूर तो बात, करते करते है चले आये हैं,कि थोड़ी और दूर, क्या दोगी तुम मेरा साथ...
यह रात खुशनसीब बन जाती , फिर से यह फ़ूल मेरा महक जाता ...
यह थोड़ी दूर का साथ है जो , ता- उम्र का साथ बन जाता ..
यह मेहँदी भी रंग चढ़ने को है पुकारती ,पास आके जरा दे दो तुम हाथ ..
मैं जिंदगी यह, तेरे नाम लिख बैठा हूँ ,बोलो ,क्या दोगी तुम मेरा साथ ..
तुम्हारी हर हंसी को सर-आँखों पे बिठा लेंगे , तेरे हर ग़म को अपने सीने में छिपा लेंगे ..
मुश्कुराहत ही होगी तेरे लब पर, हर वक़्त ,उन्हें इस इश्क की ख़ुश्बू से सज़ा देंगे ..
मैं तो अपना सब कुछ ,तेरा कर बैठा हूँ , सजी रखी है, दिल में मेरे प्यार की बरात ..
मैं तो हर पल दिन वक़्त बस तेरा ,एक उम्र भर बोलो क्या दोगी तुम मेरा साथ ....
आ जाओ पास ,मेरे दे दो मेरे हाथों में तेरा हाथ ..
बोलो, क्या दोगी तुम मेरा साथ ...
मैं तो हर पल दिन वक़्त बस तेरा ,एक उम्र भर बोलो क्या दोगी तुम मेरा साथ ....
आ जाओ पास ,मेरे दे दो मेरे हाथों में तेरा हाथ ..
बोलो, क्या दोगी तुम मेरा साथ ...
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