Tuesday, April 21, 2020

इन पन्नो पे



वो कहते हैं कि कैसे लिख लेते हो

तुम बातें दिल की इन पन्नो पे....

मैं कह देता हूँ कि बस जी लेता हूं

मैं बातें दिल की इन पन्नो पे ..

तुम्हारा 'गुस्सा'




बहुत दिनों से
संभाल के रखा था मैंने....
तुम्हारा 'गुस्सा' है ,
लो तुम ही संभालो...



तेरे जाने के बाद...



कुछ इतना सा फ़र्क़ आया है...

नज़्मों में तेरे जाने के बाद...

पहले इश्क़ भी लिख लेते थे..

अब इश्क़ ही लिख पाते है...

कोहरा



एक तेरी याद और एक

ये ठंड मौसम का कोहरा...

इनके पहरे के आगे

कुछ दिखायी ही नहीं देता ...

इकतरफा इश्क़


उम्र बीत जा रही है...
नुक्कड़ से तुझे निहारने में....
तुम दिख जाते हो तो बस...

दिन गिन लेते हैं हम...

सोचा था



सोचा था बता दूँ दिल की बात,
पर देर कर बैठे...
अब वो किसी और के है,
और हम ख़ुद के भी ना रहे...

दो आंस



कुछ ख़ास नहीं बस,
दो आंस ही रोए थे हम ...
एक तेरी तस्वीर के कारन ,
एक मेरी तक़दीर के कारन ...

‘साथ’ तेरा


आरज़ू-ए-मंज़िल कहीं,

दफ़न हुई रास्ते में ही...

साथतेरा जो हंसी
 इस क़दर ठहरा  

खुद-ब-खुद



कई दिनों बाद जब आज

फिर से कलम उठायी तो

खुद-ब-खुद कागज़ पे

तेरा ही नाम लिख बैठे हम

जफ़ा



जफ़ा कुछ इस क़दर

अदा तेरी कर रही,

क़त्ल भी है हो रहा ...

और दर्द भी नहीं होता !!!

एक छोटी सी ज़िद



नग़ाह सा ये वक़्त , दिलकशीं तेरी बातें ...
एक छोटी सी ज़िद , और लम्बी सी रातें ...
मज़बूर मेरा इश्क़ , पर उलझन भरी सासें ...
इनकार भरे होंठ , और इकरार भरी आँखें ...

हाँ ...सब कही खो जाएगा ....
बस प्यार ये रह जाएगा !!!

#नग़ाह- अचानक
प्रेरणा :- स्मृति

शायरों की मोहब्बत



शायरों की मोहब्बत का ईमान नहीं होता ...
पूरी ना हुई तो सज़ा लिख दी है ...
जो पूरी हो जाती वफ़ा लिख देते...

ईद मुबारक




अगर देना ही है तो ....
दुआ दिल से देना !!!
दिखावे की मुबारक” ...
 ईद नहीं होती !!!

एक जश्न रखा है




सुनो तुम आज आ जाना ,
एक जश्न रखा है ,  ना-तमामइश्क़ का ....
महफ़िल की वज़ह जो तुम ही हो,
 तो आग़ाज़ भी तुम ही करना ...

Sunday, April 12, 2020

हाँ ... हमने खड़े होके वो वक़्त गुज़ार लिया !!!



आज वापस उस मोड़ पे इन्तज़ार किया...
हाँ ..हमने खड़े होके वो वक़्त गुज़ार लिया ...

जब कही किसी की पायल सी छनकी , मुझे लगा कि शायद तू आयी ...
मगर मुड़ के जो देखा तो कुछ ख़ामोश सी थी तन्हाई ...

तूने कहा था उस दिन कि ,एक बार दिल से पुकार लेना ,मुझे पाओगे क़रीब में,
तेरी क़सम ये काम भी ...एक बार नहीं सौ बार किया ...
हाँ ... हमने खड़े होके वो वक़्त गुज़ार लिया !!!
आज उस मोड़ पे ......

 मुझे समझा सके जो इश्क़  तो ग़ालिब की शायरी पढ़ ली है ...
जो ना समझ सकी तू तो ,  बेवफ़ाई से ही तक़दीर भर लेते है ...
चलो एक दफ़ा और तेरी तस्वीर से ही तकरीर कर लेते है ...
बहुत इन्तज़ार किया ...

उन यादों को जिनको तूने नकार दिया ,
हम ने भी उसको यादें समझ अपने पास सवाँर लिया ....


कभी रोना होगा तो खोज लूँगा तेरा चेहरा इन यादों में ...
जो मुस्कुराना हुआ तो कुछ पल मोहब्बत के निकाल लूँगा इन यादों में ...

है दिल में अभी भी उम्मीद लिए बैठे कि तू आएगी मिलने शायद ....
इस आस में ही इन हथेली पे तेरे साथ की कुछ सी लकीर भर लेते है ...
हाँ, तेरी तस्वीर से ही तक़रीर कर लेते है ...
बहुत इन्तज़ार किया ...
चलो एक दफ़ा और ....

हाँ ...हमने खड़े होके होके वक़्त गुज़ार लिया !!!!

इन्तज़ार



बहुत इन्तज़ार किया पर ,तू आज फिर ना आयी ....
चलो एक दफ़ा और तेरी तस्वीर से ही तक़रीर कर लेते है ...

मुझे समझा सके जो इश्क़ ,तो ग़ालिब की शायरी पढ़ ली है ...
जो ना समझ सकी तू तो ,  बेवफ़ाई से ही तक़दीर भर लेते है ...
चलो एक दफ़ा और तेरी तस्वीर से ही तकरीर कर लेते है ...
बहुत इन्तज़ार किया पर ...

#तक़रीर :- बातें

फ़र्क़



फ़र्क़ बस इतना सा था ,
दोनो की मोहब्बत में उस रात ...
किसी ने बस दो पल जिए  ...
और कोई दो जनम जी बैठा ...

एक दफ़ा मुड़ के जो देख लेते



तेरी आशिक़ी में उस दिन एक गुलाब जो भेजा था ...
बन्द लिफ़ाफ़े में ही पर एक ख़्वाब जो भेजा था ...
तू सूंघ लेती जो महक को ,तो जन्नत नसीब हो जाती...
सवालों से उलझा रहा उम्र भर , गिरे पैमानों में तो एक जवाब जो भेजा था ...

ढहर जाती रूह ये जो उस दिन ...
निगाहों से जुड़ के जो देख लेते ...

जाते जाते ही सही पर आख़िरी पल ,
एक दफ़ा मुड़ के जो देख लेते....

इंतज़ार



मेरी ख्वाहिशों को यूँ ,

बिखरा के चल दिए तुम...

कि उस दिन से हम ,

रात का इंतज़ार करते है...

नुमाइश





ग़ुनाह बस इतना सा था ,उस मछली का,

बला की ख़ूबसूरत जो वो ठहरी....

सज़ा कुछ यूँ मिली ,कि ज़िन्दगी भर ,

बस नुमाइश की एक चीज़ बन बैठी ...

इन पन्नो पे

वो कहते हैं कि कैसे लिख लेते हो तुम बातें दिल की इन पन्नो पे.... मैं कह देता हूँ कि बस जी लेता हूं मैं बातें दिल की इन पन्...

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