बहुत इन्तज़ार
किया पर ,तू आज फिर ना आयी
....
चलो एक दफ़ा और
तेरी तस्वीर से ही तक़रीर कर लेते है ...
मुझे समझा सके जो
इश्क़ ,तो ग़ालिब की
शायरी पढ़ ली है ...
जो ना समझ सकी तू
तो , बेवफ़ाई से ही तक़दीर भर लेते है ...
चलो एक दफ़ा और
तेरी तस्वीर से ही तकरीर कर लेते है ...
बहुत इन्तज़ार
किया पर ...
#तक़रीर :- बातें
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