Friday, March 13, 2009

क्यूँ हमसे कहते हो शराब छोड़ दो...

क्यूँ हमसे कहते हो शराब छोड़ दो , इस दोस्त से बढकर दोस्त ना पाओगे ,

जो बात कहने को ज़माने भर से हो डरते ,मैखाने में उसको ही बार बार दोहराओगे ,
बड़े फिरते हो वाईज बने इस खूबसूरत रंग के ,कोई तजुर्बा इश्क का इस शायर पे फर्मोगे ,

दुआ करते है तुम्हारा दिल न टूटे कभी ,टूटा तो तुम भी मैखाने में ,साथी से जाम मिलाओगे,

शैलांश...

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