बड़ी दुआओं से झुकी आँखों से, खुदा से जिसने माँगा था कभी ..
आज वो माँ बाप की आँखों बेकार हूँ.. कि जा रहा हूँ मैं ...
कभी जिनके पहलू से ही था जन्मा मैं..
आज उनके लिए रोग क्यूँ नासार हूँ मैं..कि जा रहा हूँ मैं ...
बहुत लड़ लिया है इस दुनिया से, सब से, और खुद से मैंने..
ना बची है हिम्मत , हर हाल से लाचार हूँ मैं ..कि जा रहा हूँ मैं ...
था जिन लबों कि ख़ुशी के लिए हर आईने से झूठ बोला..
उन लबों पे बेशर्म सा अब एक इनकार हूँ मैं..कि जा रहा हूँ मैं ...मेरी जिंदगी थी लिख दी मैंने ,तेरे नाम और तेरी तारिख से जो,
तो कैसे बन गया कुछ दिन पुराना अखबार हूँ मैं ..कि जा रहा हूँ मैं ...
मेरी छोटी से मत कहना कि, बड़ा कमजोर था भाई उसका ..
उसके सपनो की आँखों में जो एक मजबूत दीवार हूँ मैं.. कि जा रहा हूँ मैं ..
हर ज़माने की सच्चाई ने ठुकरा दिया है अब मुझको..
बस एक उस जहाँ को ही स्वीकार हूँ मैं..कि जा रहा हूँ मैं ...
ना पास आना मेरे, रोकने को मुझे ,इस काम से..
बस इस काम में ही तो फनकार हूँ मैं ..कि जा रहा हूँ मैं ...
मेरी माशूका अब ये जन्नतों की सीढ़िया ही है ...
इस सुनहरे सफ़र का सिर्फ एक दिलदार हूँ मैं...कि जा रहा हूँ मैं ...
मत रोक मेरे साथी मुझे ,है दूर कोई रौशनी जो दिख रही..
उस एक चमक का ही ,बरसों छुपा इंतज़ार हूँ मैं..कि जा रहा हूँ मैं ...
उस एक चमक का ही ,बरसों छुपा इंतज़ार हूँ मैं..कि जा रहा हूँ मैं ...
कभी याद जो आई तो दो आँशु बहा लेना मेरी इस कब्र पे तुम सब..
कि बन चुका एक कीमती जन्नत-ए- दरबार हूँ मैं ..कि जा रहा हूँ मैं ...
शशि'दिल से...
This one's really heart touching...loved it...:):)...just awesome....:):)
ReplyDelete@br!nDle....शुक्रिया ...i m glad that at least someone liked this :)
ReplyDeletebelieve me anyone going through your blogs...would definitely love this one...
ReplyDeletereally an emotional one....luved it...jst d way u described it
ReplyDelete@br!nDle... :) शुक्रिया .... वैसे ऐसे ही कोई तारीफ़ कर दे ... लगता है जो हमने सोचा ..वो ही उसने पढ़ लिया :)
ReplyDelete@PARUL....hehehheehhe..SHUKU SHUKU ji...
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